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गर्ग हॉस्पिटल, ईस्ट दिल्ली में हमारा पल्मोनोलॉजी विभाग डॉ. संजय गर्ग के नेतृत्व में चल रहा है — जो फेफड़ों और श्वसन रोगों के इलाज में वर्षों से भरोसे का नाम हैं।अस्थमा, COPD, ब्रोंकाइटिस जैसी पुरानी बीमारियों से लेकर निमोनिया, टीबी और पोस्ट-कोविड जटिलताओं तक — यहां हर मरीज को मिलता है व्यक्तिगत और संपूर्ण इलाज।
उन्नत तकनीक, आधुनिक जांच सुविधाओं और ‘पेशेंट-फर्स्ट’ सोच के साथ, हमारा लक्ष्य है कि ईस्ट दिल्ली के लोग आसानी से सांस लें और स्वस्थ जीवन जिएं।अगर आप ईस्ट दिल्ली में एक अनुभवी और भरोसेमंद लंग स्पेशलिस्ट की तलाश में हैं, तो डॉ. संजय गर्ग और गर्ग हॉस्पिटल पर भरोसा करें।
जब हम “प्रदूषण” शब्द सुनते हैं, तो हमारा ध्यान तुरंत धुंध (smog) से ढकी इमारतों, ट्रैफिक जाम और फैक्ट्रियों से निकलते धुएं की ओर जाता है। यह बाहरी वायु प्रदूषण (Outdoor Air Pollution) है, एक ऐसी सच्चाई जिसके साथ खासकर भारत के बड़े शहरों में रहने वाले लाखों लोग हर रोज़ जीते हैं।
हम अक्सर सोचते हैं कि हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। एक पल्मोनोलॉजिस्ट (फेफड़ों के विशेषज्ञ) के दृष्टिकोण से, हम भले ही हवा की गुणवत्ता को रातों-रात नहीं बदल सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से उन उपायों को अपना सकते हैं जो इस ज़हरीली हवा के संपर्क (exposure) को कम करते हैं।
बाहरी वायु प्रदूषण सिर्फ़ धूल नहीं है। यह PM2.5 (अति सूक्ष्म कण), PM10, ओज़ोन (Ozone), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) का एक ज़हरीला मिश्रण है। इनमें से PM2.5 सबसे खतरनाक है क्योंकि यह इतना छोटा होता है कि सांस के ज़रिए फेफड़ों की गहराई तक और फिर खून में मिल जाता है।
यह समझना ज़रूरी है कि यह सिर्फ़ फेफड़ों का रोग नहीं है। मेडिकल रिसर्च यह साबित कर चुका है कि वायु प्रदूषण का सीधा संबंध हृदय रोग (Heart Disease), स्ट्रोक (Stroke), अस्थमा के दौरे (Asthma Attacks) और यहाँ तक कि बच्चों के मानसिक विकास में बाधा से भी है।
जब खतरा इतना गंभीर है, तो हमारा बचाव भी उतना ही मज़बूत होना चाहिए। यहाँ 6 विशेषज्ञ-समर्थित रणनीतियाँ दी गई हैं जिन्हें आपको आज ही अपनाना चाहिए।
32 वर्षों की उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं का अनुभव और डॉ. संजय गर्ग के नेतृत्व में विशेषज्ञ टीम
स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट उपकरण और नवीनतम जांच सुविधाएं।
पहली परामर्श से लेकर उपचार के बाद तक — हर मरीज के लिए पूरी तरह व्यक्तिगत और समग्र देखभाल।
ईस्ट दिल्ली के केंद्र में स्थित — गुणवत्तापूर्ण इलाज, आपके घर के पास।
अपनी शील्ड को जानें: बाहर निकलने से पहले AQI चेक करें
बिना AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) जाने घर से बाहर निकलना, तूफान की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करके समुद्र में जाने जैसा है। AQI हवा की गुणवत्ता का ‘हेल्थ रिपोर्ट कार्ड’ है।
क्या करें: अपने फ़ोन पर ‘SAFAR’, ‘Sameer’ या किसी विश्वसनीय मौसम ऐप पर अपने इलाके का AQI चेक करने की आदत डालें।
कैसे समझें:
0-100 (अच्छा/संतोषजनक): बाहरी गतिविधियों के लिए सुरक्षित।
101-200 (मध्यम): संवेदनशील लोगों (जिन्हें सांस की बीमारी है, बच्चे, बुज़ुर्ग) को सावधानी बरतनी चाहिए।
201-300 (खराब): सभी को बाहरी गतिविधियों को कम करना चाहिए।
300+ (बहुत खराब/गंभीर): जब तक बहुत ज़रूरी न हो, बाहर निकलने से बचें।
सही मास्क का चुनाव: N95 ही क्यों ज़रूरी है?
यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी है कि कोई भी मास्क प्रदूषण से बचा सकता है।
कपड़े का मास्क/सर्जिकल मास्क: ये मास्क COVID-19 जैसे वायरस की बड़ी बूंदों को रोकने के लिए अच्छे हो सकते हैं, लेकिन वे PM2.5 कणों को रोकने में लगभग पूरी तरह से विफल हैं। ये कण कपड़े के रेशों से आसानी से आर-पार हो जाते हैं।
N95 या FFP2 मास्क: केवल यही मास्क PM2.5 कणों को 95% तक फ़िल्टर करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
सबसे ज़रूरी है ‘सील’: मास्क तभी काम करेगा जब वह आपकी नाक और मुंह पर पूरी तरह से फिट हो और कोई गैप न हो, ताकि आप सिर्फ फ़िल्टर के ज़रिए ही सांस लें।
व्यायाम का समय और स्थान बदलें, व्यायाम बंद न करें
यह एक आम दुविधा है: क्या प्रदूषित हवा में व्यायाम करना चाहिए? जब आप तेज़ी से व्यायाम (जैसे जॉगिंग या साइकिलिंग) करते हैं, तो आप सामान्य से 10 गुना ज़्यादा तेज़ी से और गहरी सांस लेते हैं। यदि आप प्रदूषित हवा में ऐसा करते हैं, तो आप अपने फेफड़ों में 10 गुना ज़्यादा ज़हर भर रहे हैं।
क्या करें:
व्यायाम न छोड़ें: व्यायाम आपकी इम्युनिटी और फेफड़ों की क्षमता के लिए ज़रूरी है।
जगह बदलें: जब AQI ‘खराब’ श्रेणी में हो, तो बाहर पार्क में दौड़ने की बजाय घर पर ही योग, स्ट्रेचिंग या इनडोर जिम में वर्कआउट करें।
समय बदलें: अगर बाहर जाना ही है, तो भारी ट्रैफिक वाले समय (सुबह और शाम) से बचें।
जगह चुनें: भारी ट्रैफिक वाली मुख्य सड़कों के बजाय, किसी शांत गली या हरे-भरे पार्क (जहाँ वाहनों का प्रदूषण कम हो) में हल्का व्यायाम करें।
ट्रैवल स्मार्ट: कार और बाइक पर प्रदूषण का हमला कैसे रोकें
सफ़र के दौरान, खासकर ट्रैफिक जाम में, हम प्रदूषण के उच्चतम स्तरों के संपर्क में आते हैं।
अगर आप कार में हैं: अपनी कार की खिड़कियां हर समय बंद रखें। सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने एयर कंडीशनर को ‘रीसर्क्युलेशन मोड’ (Recirculation Mode) पर चलाएं। यह मोड बाहर की ज़हरीली हवा को अंदर आने से रोकता है और अंदर की हवा को ही फ़िल्टर करता है।
अगर आप बाइक/स्कूटर/ऑटो पर हैं: आप सबसे ज़्यादा खतरे में हैं। आपके लिए N95 मास्क पहनना अनिवार्य है, कोई समझौता नहीं। यदि संभव हो, तो पीक ट्रैफिक आवर्स में यात्रा करने से बचें।
घर वापसी पर ‘डीकंटैमिनेशन’ (Decontamination): प्रदूषण को बाहर छोड़ें
जब आप प्रदूषित वातावरण से घर वापस आते हैं, तो PM2.5 कण आपके कपड़ों, जूतों, बालों और त्वचा पर चिपक जाते हैं। इन कणों को अपने ‘सुरक्षित’ घर में न लाएं।
जूते-चप्पल बाहर उतारें: यह एक बुनियादी नियम है जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए।
कपड़े बदलें: अपने बाहरी कपड़ों को तुरंत बदलें और उन्हें धोने के लिए अलग रखें। इन कपड़ों को पहनकर अपने बिस्तर या सोफे पर न बैठें।
सफाई करें: अपने हाथ, मुंह और चेहरे को अच्छी तरह धोएं। यदि संभव हो तो नहा लें।
गरारे (Gargle): रात को सोने से पहले हल्के गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना एक बहुत अच्छी आदत है। यह गले में जमा प्रदूषक कणों को साफ़ कर देता है और खराश में आराम देता है।